भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा है कि मजबूत गति, सुदृण अप्रत्यक्ष करों और कम सब्सिडी के कारण वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में देश की वास्तविक आर्थिक वृद्धि छह-तिमाही के उच्चतम स्तर पर रही। डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के लेख ‘स्टेट ऑफ द इकोनॉमी’ के अनुसार, स्वस्थ कॉर्पोरेट और बैंक बैलेंस शीट से आने वाले महीनों में विकास दर को और प्रोत्साहन मिलने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी है।
खाद्य पदार्थों के मूल्यों में बार-बार वृद्धि से मुद्रास्फीति में 4 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त करने में बाधा आ रही हैं।