आयुष औषधि निर्माता, विज्ञापनदाता, विज्ञापन एजेंसियों को भ्रामक विज्ञापन पर अंकुश लगाने सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार विज्ञापन दाताओं, विज्ञापन एजेंसियों को उपभोक्ताओं को घोषणा कर यह प्रमाणित करना होगा कि विज्ञापन निर्धारित कोड का उल्लंघन नहीं है। इसके लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रसारण सेवा पोर्टल और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के पोर्टल पर स्व-घोषणा अपलोड करने की सुविधा बीते चार जून से शुरू कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ के आयुष संचालनालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भ्रामक विज्ञापन पर अंकुश लगाने और उपभोक्ता हितों की रक्षा करने के लिए लगाई गई याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सात मई को आदेश पारित किया गया, जिसके तहत विज्ञापन दाताओं, विज्ञापन एजेंसियों द्वारा अपने विज्ञापन के प्रसारण प्रकाशन से पहले स्व-घोषणा प्रस्तुत कर यह प्रमाणित किया जाएगा कि उसका विज्ञापन केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम के तहत निर्धारित विज्ञापन कोड का उल्लंघन नहीं करता है।