प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें प्रसन्नता हुई कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज आपातकाल की कड़ी निंदा की और उस दौरान हुई ज्यादतियों को उजागर किया। श्री बिरला ने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र का गला घोंटने का भी जिक्र किया।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल 50 साल पहले लगाया गया था लेकिन इसके बारे में आज के युवाओं को जानना आवश्यक है। आपातकाल एक उपयुक्त उदाहरण है जब संविधान को कुचलकर जनता की राय को दबा दिया गया था। इस दौरान संस्थानों को नष्ट कर दिया गया था। श्री मोदी ने कहा कि आपातकाल के दौरान हुई घटनाएं इस बात का उदाहरण हैं कि तानाशाही कैसी होती है।