देहरादून में “पर्वतीय खतरों के आकलन और चुनौतियों‘‘ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभिन्न सरकारी संस्थानों, आईआईटी और संबंधित हितधारकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यशाला में हिमालयी ढलानों के खतरों, सुरंग बनाने की चुनौतियों और हाइड्रो परियोजनाओं के निर्माण के दौरान प्राकृतिक बाधाओं सहित कई अन्य बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। राज्य के आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के कारण हर साल हजारों लोगों की मृत्यु होती है, संपत्ति और बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि आपदाओं से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए वैज्ञानिक आकलन के लिए कार्यशाला में चर्चा की गई।