प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्र ने कहा है कि आपदाओं की बढ़ती हुई अनिश्चितता से निपटने के लिए व्यापक तैयारी करना और जागरूकता फैलाना अत्यंत महत्पूर्ण है। वे आज नई दिल्ली में गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के राहत आयुक्तों तथा राज्य आपदा कार्रवाई बल के लिए आयोजित वार्षिक सम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। श्री मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय में खतरे और संवेदनशीलता का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों को अपनी तैयारियों के स्तर को और बढ़ाना चाहिए।
प्रधान सचिव ने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के दृष्टिकोण से तैयारी तथा शमन गतिविधियों में बदलाव लाने के लिए सीखी गई बातों को वास्तविकता में बदलने की भी आवश्यकता है। भारत की विविध भौगोलिक स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को आपदा राहत कार्यों में शामिल एजेंसियों की क्षमता बढ़ोतरी का आकलन करना चाहिए और निवेश भी बढाना चाहिए।
श्री पी. के. मिश्र ने कहा कि आज के समय में आपदा प्रबंधन के लिए तैयारियां करना घंटों का नहीं बल्कि मिनटों का कार्य है क्योंकि राहत और बचाव गतिविधियों में लगने वाला हरेक मिनट बड़ा ही महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को किसी भी कार्रवाई के प्रति अपनी गति बढाने का निर्देश दिया। प्रधान सचिव ने राज्यों से कम लागत पर अधिक प्रभाव डालने वाले उपाय अपनाने और कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने आपदा मित्र के माध्यम से राहत बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अधिक से अधिक सहभागिता पर बल दिया। श्री मिश्र ने आपदा प्रबंधन में डेटा के महत्व का भी उल्लेख किया।