अक्टूबर 17, 2025 10:28 अपराह्न

printer

आदि कर्मयोगी अभियान प्रत्येक आदिवासी गाँव को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया: राष्ट्रपति मुर्मु

 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि आदि कर्मयोगी अभियान ग्राम सभाओं और समुदाय-आधारित संस्थाओं को सशक्त बनाकर जनभागीदारी की भावना को मज़बूत करता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की सार्थक भागीदारी से राष्ट्रीय नीति को प्रभावित किया जा सकता है और योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

 

राष्ट्रपति आज नई दिल्ली में ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों, ज़िलों, ब्लॉकों और एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसियों को पुरस्कार भी प्रदान किए।

 

उन्होंने आगे कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान प्रत्येक जनजातीय गाँव को आत्मनिर्भर और गौरवान्वित गाँव बनाने के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया था। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनजातीय समुदाय राष्ट्र की विकास यात्रा में भाग लें और विकास का लाभ सभी जनजातीय क्षेत्रों और लोगों तक पहुँचे।

 

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जनजातीय कार्य ढाँचा जनजातीय लोगों और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि जनजातीय समुदाय देश की सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रकाश डाला कि हाल के वर्षों में सरकार ने जनजातीय समुदायों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।

 

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार किया है और जनजातीय युवाओं को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए आवासीय विद्यालय और छात्रवृत्ति कार्यक्रम स्थापित किए गए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कौशल विकास और स्वरोजगार योजनाओं ने पारंपरिक शिल्प, हस्तशिल्प और उद्यमिता को नई गति दी है।

 

राष्ट्रपति मुर्मु ने प्रसन्नता व्यक्त की कि इन प्रयासों से न केवल आजीविका के अवसर बढ़े हैं, बल्कि जनजातीय लोगों में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता भी मजबूत हुई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र और समाज की वास्तविक प्रगति समाज के सभी वर्गों के विकास में निहित है।

 

इस सम्मेलन का आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा किया गया था। यह उत्तरदायी, नागरिक-नेतृत्व वाले शासन की ओर भारत की यात्रा में एक निर्णायक क्षण को चिह्नित करता है। सम्मेलन “जनजातीय ग्राम विजन 2030” – विचारों से कार्यान्वयन तक पर केंद्रित था।