राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आतंक की बुराई के खात्मे के लिए दोहरा रवैया छोड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों सहित आतंक के सभी दोषियों पर प्रभावी और तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कल कजाख्स्तान के अस्ताना में ‘शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)’ के सुरक्षा सम्मेलन में यह बात कहीं। श्री डोभाल ने कहा कि आतंकी गतिविधियों के प्रायोजकों, आर्थिक और अन्य सहायता उपलब्ध कराने वालों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता है।
डोभाल ने एससीओ क्षेत्र में विभिन्न आतंकी संगठनों के निरंतर खतरे का मुद्दा भी उठाया। इस संबंध में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अलकायदा और उससे जुड़े गुट तथा आईएसआईएस जैसे आतंकी गुटों का जिक्र किया। श्री डोभाल ने 22 मार्च को मास्को के क्रोकस सिटी हॉल में बर्बर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस हमले में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना भी प्रकट की। उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन में सुरक्षा भारत की प्राथमिकता है। यह ‘सिक्योर शंघाई सहयोग संगठन’ के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि ‘सिक्योर’ का व्यापक अर्थ सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, संपर्क, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखण्डता का आदर तथा पर्यावरण संरक्षण है। श्री डोभाल ने इस बात पर बल दिया कि एससीओ देशों के साथ भारत के संबंध कई सदियों पुराने हैं और वह इन संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एससीओ देशों में भारत, रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाख्स्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं।