विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मणयम जयशंकर ने कहा है कि आतंकवाद सहित भारत की चुनौतियों का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तानी सेना से उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि भारत इस खतरे से तब तक निपटेगा जब तक यह मौजूद है। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉक्टर जयंशकर ने कहा कि भारत के प्रति सैद्धांतिक शत्रुता पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था से उत्पन्न हो रही है। पाकिस्तान के आतंकी शिविरों के विरूद्ध ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत नियमों और जिम्मेदारी के अदभुत ढांचे में रहकर काम करता है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कल सम्पन्न भारत यात्रा को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि इस यात्रा से अमरीका के साथ भारत के संबंधों को न तो प्रभावित करेगा न ही उसके साथ अपेक्षित मुक्त व्यापार समझौते को रोक पाएगा। उन्होंने कहा कि अमरीकी पक्ष के साथ संपर्क या वार्ता में कोई गडबडी नहीं है।
डॉ० जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत और रूस के बीच मौजूदा संबंधों को राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा ने पुन: परिभाषित किया है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मणयम जयशंकर ने पुतिन की यात्रा नये पहलुओं और आयामों को निर्मित करने में सहायक रही है। विदेश मंत्री ने गतिशीलता समझौता और खाद्य सुरक्षा के लिए उर्वरकों पर संयुक्त उपक्रम के अधिक निर्णायक रहने का उल्लेख किया।
भारत की भू-राजनीतिक आकांक्षाओं को लेकर विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मणयम जयशंकर ने कहा कि भारत दूसरे देशों के साथ अपने संबंध किस तरह विकसित करता है, इस पर किसी देश का कोई अधिकार नहीं है।
भारत-चीन के संबंधों को लेकर डॉ० जयशंकर ने कहा कि सीमा क्षेत्र पर शांति और प्रशांति अच्छे संबंध की पहली शर्त है जो फिलहाल सीमा पर ऐसी स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा के अलावा भारत चीन के साथ मुख्य रूप से व्यापार, निवेश, प्रतिस्पर्धा, सब्सिडी, निष्पक्षता और पारदर्शिता सहित अन्य क्षेत्रों पर काम कर रहा है।