प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में देश-विदेश के श्रोताओं के साथ अपने विचार साझा किए। यह इस मासिक कार्यक्रम की 120वीं कड़ी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वस्त्र अपशिष्ट यानी टेक्सटाइल वेस्ट की चुनौती पूरी दुनिया के लिए नई चिंता की एक बड़ी वजह बन गया है। उन्होंने कहा कि एक प्रतिशत से भी कम टेक्सटाइल वेस्ट को नए कपड़ों में रिसाइकिल किया जाता है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का ऐसा तीसरा देश है, जहां सबसे ज्यादा टैक्सटाइल वेस्ट निकलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने कपड़े जल्द ही छोड़ देने और नए कपड़े खरीदने का चलन दुनियाभर में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए देश में कई सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गर्मी के आते ही शहर-शहर, गांव-गांव पानी बचाने की तैयारी शुरू हो जाती है। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि कई राज्यों में जल संचय से जुड़े कामों में नई तेजी आई है। श्री मोदी ने कहा कि जलशक्ति मंत्रालय और कई अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाएँ इस दिशा में काम कर रही हैं और देश में हज़ारों कृत्रिम तालाब, चेक डैम, बोरवेल रीचार्ज और सामुदायिक सोकपिट का निर्माण हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हर साल की तरह इस बार भी कैच द रेन अभियान के लिए कमर कस ली गई है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने के लिए जल संचय–जन भागीदारी अभियान भी चलाया जा रहा है ताकि जो प्राकृतिक संसाधन हमें मिले हैं, उसे हम अगली पीढी तक सही-सलामत पहुंचा सकें।
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान सकारात्मक कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि गर्मी की छुट्टी ऐसा समय है, जब हम किसी नए शौक को अपनाने के साथ ही अपने हुनर को और तराश सकते है। श्री मोदी ने कहा कि आज बच्चों के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म की कमी नहीं, जहां वे काफी कुछ सीख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी टेक्नोलॉजी कैम्प से ऐप बनाने के साथ ही ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के बारे में जान सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह भी कहा कि कई स्कूल भाषण देने की कला अथवा नाटक करना सिखाते हैं, जो बच्चों के बहुत काम आते हैं।
प्रधानमंत्री ने युवाओं श्रोताओं के लिए माई भारत नामक खास कैलेंडर की चर्चा की, जिसे इस वर्ष की गर्मियों की छुट्टी के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इस कैलेंडर से कुछ अनूठे प्रयास किए गए हैं। इस कैलेंडर के स्टडी टूर में युवा छात्र जन औषधि केन्द्रों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
वे वाइब्रेंट विलेज अभियान का हिस्सा बनकर सीमावर्ती गांवों का अनोखा अनुभव ले सकते हैं। श्री मोदी ने कहा कि अंबेडकर जयंती पर पदयात्रा में भागीदारी कर वे संविधान के मूल्यों को लेकर जागरूकता भी फैला सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में सम्पन्न खेलो इंडिया पैरागेम्स में खिलाडि़यों के प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन खेलों में इस बार पहले से ज्यादा खिलाडि़यों ने हिस्सा लिया। इससे पता चलता है कि पैरा स्पोर्ट्स लोकप्रिय हो रहा है।
उन्होंने हरियाणा, तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश के खिलाडि़यों को पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल करने के लिए शुभकामनाएँ दीं। श्री मोदी ने कहा कि इन खेलों के दौरान दिव्यांग खिलाडि़यों ने 18 राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए, जिनमें से 12 रिकॉर्ड महिला खिलाडि़यों के नाम रहे।
प्रधानमंत्री ने आर्म मुक्केबाज जॉबी मैथ्यू के पत्र की भी चर्चा की। मैथ्यू को इस वर्ष के खेलो इंडिया पैरागेम्स में स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ है। मैथ्यू ने अपने पत्र में कहा है कि पदक जीतना बहुत खास होता है, लेकिन उन्हें रोज एक लड़ाई लड़नी होती है। इसके बावजूद, उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए साहस के साथ कदम बढ़ाया है। श्री मोदी ने कहा कि जॉबी मैथ्यू सहित सभी दिव्यांगों के प्रयास हमारे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली में पहली बार आयोजित हुए फिट इंडिया कार्यक्रम की चर्चा की, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के करीब 25 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। इसका लक्ष्य फिट रहना और फिटनेस के बारे में लोगों को जागरूकता फैलाना था। श्री मोदी ने लोगों से अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे आयोजन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि माई भारत इसमें बहुत मददगार बन सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब स्वदेशी खेल भी लोकप्रिय हो रहे है। उन्होंने मशहूर रैपर हनुमान काइंड के नए गीत ‘रन इट अप’ की चर्चा की, जो इन दिनों बहुत लोकप्रिय हो रहा है। श्री मोदी ने कहा कि इस गीत में पारंपरिक मार्शल आर्ट के रूपों को शामिल किया गया है और इस गीत से हमारे पारंपरिक मॉर्शल आर्ट के बारे में दुनिया के लोग जान पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने वाराणसी के अथर्व कपूर, मुंबई के आर्यश लीखा और आत्रेय मान का वो संदेश साझा किया, जिसमें इन लोगों ने मॉरीशस की अपनी हाल की यात्रा के अनुभवों के बारें में लिखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश और बिहार से भी इसी तरह के संदेश मिले हैं।
उन्होंने दो शताब्दी पहले भारत से गिरमिटिया मजदूर के रूप में मॉरीशस गए लोगों की यात्रा की सराहना करते हुए बताया कि कैसे इनलोगों ने अपने लिए वहां एक अनूठी पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन लोगों ने अपनी विरासत को संरक्षित किया और अपनी जड़ों से जुड़े रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया में कई ऐसे संगठन हैं जो वर्षों से भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने इस संदर्भ में ‘सिंगापुर इंडियन फाइन आर्ट्स सोसाइटी’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारतीय नृत्य, संगीत और संस्कृति के संरक्षण कार्य में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि संगठन ने हाल ही में अपने गौरवशाली 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शानमुगरत्नम ने मुख्य अतिथि थे।
शारीरिक तंदुरूस्ती के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल कदमों की गिनती हो या कैलोरी की गिनती। इन सब गिनतियों का बड़ा महत्व हो गया है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की उल्टी गिनती भी शुरू हो चुकी है। योग दिवस का अब 100 दिन से भी कम समय रह गया है। उन्होंने लोगों से योग को अपने जीवन में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय – ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ है।
उन्होंने कहा कि यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि आज योग और हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को लेकर पूरी दुनिया में जिज्ञासा बढ रही है। बड़ी संख्या में युवा योग और आयुर्वेद को आरोग्य रहने का एक बेहतरीन माध्यम मानकर अपना रहे हैं। उन्होंने इस संदर्भ अपनी पिछले साल की ब्राजील यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान उनकी मुलाकात चिल्ली के राष्ट्रपति से हुई थी।
उनके साथ आयुर्वेद पर काफी चर्चा हुई थी। इस दौरान सोमोस इंडिया नाम के एक समूह की जानकारी मिली जो करीब एक दशक से योग और आयुर्वेद को बढावा देने के काम में लगी है। ये लोग आयुर्वेद और योग से संबंधित जानकारियों का स्पेनिश में अनुवाद भी कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने फूलों के बारे में एक रोचक जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में महुआ के फूलों से बिस्कुट बनाए जा रहे हैं। राजाखोह गांव की चार बहनों के प्रयासों के प्रयास से ये बिस्कुज काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। श्री मोदी ने बताया कि तेलंगाना के आदिलाबाद जिले में भी दो बहनों ने महुआ के फूलों से नया प्रयोग किया है। वे इन फूलों से तरह-तरह के व्यंजन बनाती हैं।
प्रधानमंत्री ने कृष्ण कमल एक फूल का जिक्र करते हुए कहा कि स्टेचू ऑफ यूनिटी के आसपास ये बड़ी संख्या में लगाए गए हैं। ये फूल एकता नगर के आरोग्य वन, एकता नर्सरी, विश्व वन और मियावाकी वन में आकर्षक का केंद्र बन चुके हैं। प्रधानमंत्री ने श्रोताओं से कहा कि अगर वे फूलों की ऐसी अनोखी यात्रा के बारे में जो भी अनुभव है उसे साझा करे।
प्रधानमंत्री ने आज से शुरू हुए चैत्र नवरात्रि के अवसर पर पूरे देश को शुभकामनाएं भी दीं। आज से भारतीय नववर्ष भी शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि बिहार, बंगाल, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों के लोगों ने उन्हें विभिन्न त्योहारों के बारे में अपनी स्थानीय भाषा में शुभकामनाएं भेजी हैं।
कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लोग उगादि मना रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र में गुढी पाड़वा मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों में ईद, असम में रोंगाली बिहू, बंगाल में पोइला बैशाख और कश्मीर में नवरेह सहित विभिन्न त्योहार मनाए जाएंगे। उन्होंने देश के लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये त्योहार भारत की विविधता में एकता का प्रतीक है।