दिसम्बर 21, 2025 8:04 पूर्वाह्न

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आज मनाया जा रहा है दूसरा विश्व ध्यान दिवस, शीतकालीन संक्रांति पर केंद्रित

आज दूसरा विश्व ध्यान दिवस मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पिछले वर्ष 21 दिसंबर को ‘विश्व ध्यान दिवस’ की घोषणा की थी। यह तिथि उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति को ध्‍यान में रखते हुए चुनी गई है, जो आत्मनिरीक्षण और आंतरिक शांति का प्रतीक है।

 इस बीच, भारतीय आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में “वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए ध्यान” कार्यक्रम के दौरान एक ध्यान सत्र का नेतृत्व किया। युद्ध क्षेत्र में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए ध्यान योग के उपदेश का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज के मनुष्य के लिए परिस्थितियां किसी युद्धक्षेत्र से कम नहीं है, क्योंकि समाज में विभिन्न मुद्दे युद्ध की स्थिति से कम नहीं हैं। भगवान कृष्ण के उपदेशों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन में आठ हजार सैनिक लड़ाकों के रूप में अंधकार और निराशा में डूबे हुए थे, लेकिन उन्होंने ध्यान किया और शांति प्राप्त की।

    विश्व के राजनयिकों, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और योग प्रशिक्षकों ने उनके साथ ध्यान अभ्यास में भाग लिया, जिसका उद्देश्य स्वयं में और विश्व में शांति लाना था। इस कार्यक्रम का आयोजन भारत, अंडोरा, मेक्सिको, नेपाल और श्रीलंका ने किया। इन देशों ने पिछले वर्ष 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में मनाने के महासभा के प्रस्ताव को प्रायोजित किया था।