आज अंतरराष्ट्रीय अभिलेख दिवस है। इसका आयोजन रिकार्डों और अभिलेखों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के महत्व के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है। वर्ष 2004 में आस्ट्रिया की राजधानी वियना में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर से 2 हज़ार से अधिक लोगों ने भागीदारी की थी।
इसी सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय अभिलेख दिवस मनाने का संकल्प पारित किया गया था। पहला अंतरराष्ट्रीय अभिलेख दिवस 2007 में मनाया गया था।
इस अवसर पर भारत के ‘राष्ट्रीय अभिलेखागार’ के डायरेक्टर जनरल श्री अरुण सिंघल ने शुभकामनाएं दीं। उन्होंने राष्ट्रीय अभिलेखागार द्वारा किए जा रहे 34 करोड़ ऐतिहासिक अभिलेखों के डिजिटलीकरण के विषय में भी जानकारी दी