आज संविधान हत्या दिवस है। यह दिन हमें उन घटनाओं की याद दिलाता है, जब 25 जून 1975 को संविधान का गला घोंटकर देश पर आपातकाल थोप दिया गया था। यह आपातकाल से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति को श्रद्धांजलि देने का दिन भी है।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय की तरह है। उन्होंने कहा कि इस दिन, भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर दिया गया, मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता खत्म कर दी गयी और कई राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया।
झारखंड विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी आपातकाल के दौरान 17 महीने तक जेल में बंद रहे थे। आकाशवाणी से बातचीत में उन्होंने आपातकाल के अपने अनुभव साझा करते हुए इसे गैरजरुरी बताया। श्री नामधारी ने कहा कि विद्रोह के डर से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया था।
Site Admin | जून 25, 2025 1:06 अपराह्न
आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय की तरह है
