आज अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस है। इसका आयोजन प्रत्येक व्यक्ति, समुदाय और समाज के लिए साक्षरता के महत्व की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए किया जाता है। इस वर्ष का विषय है-बहुभाषी शिक्षा संवर्धन: आपसी समझ और शांति के लिए साक्षरता।
नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम है। श्री धनखड़ ने कहा कि यह युवाओं को अपनी प्रतिभा और ऊर्जा का पूरा उपयोग करने का अवसर प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि भाषाओं की समृद्धि के मामले में भारत एक अनूठा देश है। श्री धनखड़ ने सभी से कम से कम एक व्यक्ति को साक्षर बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि किसी को साक्षर बनाना मानवता की सेवा है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर प्रदेश भर में विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। विद्यालयों में संगोष्ठी का आयोजन किया गया जहां वक्ताओं ने मौजूदा दौर में साक्षरता के विभिन्न आयामों पर विचार-विमर्श किया। अमरोहा में इस मौके पर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा संगोष्ठी आयोजित की गई और साक्षरता के महत्व को दर्शाते चित्र प्रदर्शनी लगाई गई।