अयोध्या में भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले मुख्य पुरोहित आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का आज वाराणसी में निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे और लंबे समय से गंभीर तौर से बीमार थे। उनका अंतिम संस्कार वाराणसी के मणिकर्णिंका घाट पर किया गया। प्रदेश के मुरादाबाद जिले में जन्म लेने वाले स्व.दीक्षित वाराणसी के सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रहे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विश्व हिंदू परिषद ने गहरा शोक जताया है। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपने शोक संदेश में कहा कि दीक्षित जी काशी की विद्वत परम्परा के युगपुरूष थे। उनका निधन समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया संदेश में कहा कि संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति की सेवा के लिए वह सदैव स्मरणीय रहेंगे। उनका निधन आध्यात्म और साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति है। विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने अयोध्या में उनके शोक जताया और उनके निधन को राष्ट्रीय क्षति बताया।
Site Admin | जून 22, 2024 7:09 अपराह्न
आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का आज वाराणसी में निधन, आचार्य ने कराया था भगवान रामलला का प्राण प्रतिष्ठा
