आगामी लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। ये चुनाव सात चरणों में कराये जाएंगे। मतगणना चार जून को होगी। पहले चरण में अगले महीने की 19 तारीख को लोकसभा की 102 सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 89 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। तीसरा चरण सात मई को होगा, जिसमें 94 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण में 13 मई को 96 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। पांचवें चरण में 20 मई को 49 संसदीय सीटों पर मतदान होगा, जबकि छठे चरण में 25 मई को 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में पहली जून को 57 संसदीय सीटों पर मतदान होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि गुजरात, तमिलनाडु, पंजाब, तेलंगाना, केरल, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली मेघालय और नगालैंड समेत 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक ही चरण में मतदान होगा। कर्नाटक, राजस्थान, मणिपुर और त्रिपुरा में दो चरणों में वोट डाले जाएंगे, जबकि छत्तीसगढ और असम में लोकसभा चुनाव तीन चरणों में होगा। मध्य प्रदेश और झारखंड में चार चरणों में तथा महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में पांच चरणों में वोट डाले जाएंगे। उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम-बंगाल में सात चरणों में मतदान होगा।
निर्वाचन आयोग ने सिक्किम, ओडिसा, आंध्र-प्रदेश और अरूणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की भी घोषणा की। 32 सदस्यों वाली सिक्किम विधानसभा और 60 सदस्यों की अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के लिए लोकसभा चुनावों के साथ 19 अप्रैल को एक चरण में मतदान होगा। इसी प्रकार 175 सदस्यों की आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 13 मई को एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे। 147 सदस्यों वाली ओडिसा विधानसभा चुनाव के लिए 13, 20 और 25 मई तथा पहली जून को चार चरणों में वोट डाले जाएंगे।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि निर्वाचन आयोग भारतीय लोकतंत्र के सबसे बडे पर्व के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि देश में 97 करोड पंजीकृत मतदाता हैं। मतदान के लिए साढे दस लाख मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां डेढ करोड चुनाव कर्मियों को तैनात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन चुनावों में पहली बार वोट देने वाले एक करोड 82 लाख मतदाता होंगे। श्री कुमार ने बताया कि आयोग 85 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और दिव्यांगजनों को घर से ही मतदान करने की सुविधा प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि राजनीतिक पार्टियों को यह भी बताना होगा कि उन्होंने गम्भीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को चुनाव में क्यों उतारा। उन्होंने बताया कि ईवीएम और वी वी पैट पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराए गए हैं तथा सुचारू मतदान सुनिश्चित करने की पूरी व्यवस्था है।
श्री राजीव कुमार ने कहा कि बाहुबल, धनबल, भ्रामक प्रचार और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन निर्वाचन आयोग के सामने बडी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि आयोग ने बाधाकारी चुनौतियों से निपटने के सभी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बाहुबल पर निगरानी रखने के लिए मतदान के दिन ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनावों में खून-खराबा और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और यदि कहीं हिंसा हुई तो आयोग कडी कार्रवाई करेगा। श्री कुमार ने बताया कि संबंधित प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि शराब, नकदी, मादक पदार्थों और अन्य प्रकार की प्रलोभनकारी वस्तुओं को बांटे जाने पर नियंत्रण रखें। उन्होंने कहा कि आयोग ने नकदी के हस्तांतरण पर भी कडी नजर रखने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव तंत्र को कचरा प्रबंधन और कागज के कम से कम उपयोग को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए दो हजार एक सौ प्रेक्षक तैनात किए जाएंगे। मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल इस वर्ष 16 जून को समाप्त हो रहा है। देश में लोकसभा की 543 सीटें हैं जिनमें से 84 सीटें अनुसूचित जाति और 47 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं। हमारे संवाददाता ने बताया है कि लोकसभा चुनावों के साथ बिहार, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा में विधानसभा की 26 सीटों के उपचुनाव के लिए भी मतदान होगा।