हरिद्वार के रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- आई.आई.टी में हाइड्रोलिक मशीनरी पर 32वीं आई.ए.एच.आर संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। हाइड्रोलिक मशीनरी और सिस्टम समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर स्टीफन रिडेल-बाउच ने कहा कि इस सम्मेलन में उद्योग और अनुसंधान संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से हम हाइड्रो पावर तकनीक को और बेहतर बनाने के साथ-साथ इसमें और सुधार कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत में प्राकृतिक जल स्रोतों की मौजूदगी के कारण हाइड्रो पावर की अपार संभावनाएं हैं। बिजली की आवश्यकता पर जोर देते हुए स्टीफन रिडेल-बाउच ने कहा कि अन्य नवीकरणीय स्रोतों की तुलना में हाइड्रो पावर बिजली उत्पादन का सबसे सस्ता और टिकाऊ स्रोत है। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के. पंत ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2030 तक 500 गीगावॉट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इसमें जल विद्युत परियोजना और अक्षय ऊर्जा व सोलर एनर्जी का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
Site Admin | सितम्बर 11, 2024 7:18 अपराह्न
आई.आई.टी रूड़की में हाइड्रोलिक मशीनरी पर 32वीं आई.ए.एच.आर संगोष्ठी का उद्घाटन
 
		 
									 
									 
									 
									 
									