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अगस्त 26, 2024 9:55 पूर्वाह्न

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आईआईएम इंदौर ने भारत की भाषायी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए नवाचार करते हुए निःशुल्क भारतीय भाषा कार्यशाला की शुरुआत की

भारतीय प्रबंध संस्थान-आईआईएम इंदौर ने भारत की भाषायी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए नवाचार करते हुए निःशुल्क भारतीय भाषा कार्यशाला की शुरुआत की है। आईआईएम की यह पहल इसलिए विषेश है, क्योंकि भारतीय प्रबंध संस्थान मानक अंग्रेजी भाषा में शिक्षा देने वाले संस्थान माने जाते हैं। यहां प्रबंधन शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों का व्यावसायिक कौषल विकसित किया जाता है। ऐसे में संस्कृत के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओं की निःशुल्क कार्यशाला हमारे सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में एक अच्छी पहल है।

भारतीय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय ने बताया कि पहली निःशुल्क भारतीय भाषा कार्यशाला का शुभारंभ 31 अगस्त 2022 से किया जाएगा। इस पहली कार्यशाला में संस्कृत के साथ तमिल भाषा की मूलभूत शिक्षा दी गयी । इसके बाद 19 सितंबर 2023 से संस्कृत के साथ उड़िया भाषा की शिक्षा दी गयी। प्रोफेसर राय ने बताया कि इन सभी कार्यशालाओं में हमारी देव भाषा संस्कृत को अनिवार्य रूप से शामिल किया गया है। इस भाषायी कार्यशालाओं के माध्यम से हम प्रबंधन के विद्यार्थियों को संस्कृत की समृद्ध विरासत और हमारे प्राचीन स्वर्णिम इतिहास से परिचित करवाना चाहते हैं। इन कार्यशालाओं में विद्यार्थियों के अलावा शिक्षक एवं कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिजन भी शामिल हो रहे हैं। प्रोफेसर हिमांशु राय इन कार्यशालाओं को भारतीय भाषा के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जरुरी बताते हैं। उनका मानना है कि भाषा केवल संचार का साधन ही नहीं है अपितु हमारी भारतीय पहचान का एक अभिन्न अंग है।

संस्थान न केवल भाषाओं की कार्यशाला आयोजित कर रहा है बल्कि विभिन्न भाषाओं के साहित्य पुस्तकालय के माध्यम से प्रशिक्षुओं को उपलब्ध करवा रहा है। इससे लगातार इन कार्यशालाओं के लिए आकर्षण बढ़ रहा है।