नवम्बर 28, 2025 9:11 अपराह्न

printer

असम में चाय बागान मज़दूरों को ज़मीन अधिकार देने वाला विधेयक पारित

 
असम विधानसभा ने आज असम भूमि जोत सीमा निर्धारण (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया। यह विधेयक लेबर लाइन में रहने वाले चाय बागानों के मज़दूरों को ज़मीन का निर्धारण देने के लिए है। इस कदम से चाय बागानों के 3 लाख 33 हज़ार से ज़्यादा मज़दूरों को ज़मीन का अधिकार मिलेगा, जो बिना किसी टाइटल के लेबर लाइन में रह रहे हैं। इस विधेयक में जोलोहा चाय बागान के मुस्लिम मज़दूरों को शामिल नहीं किया गया है।
 
 
इस संशोधन में “लेबर लाइन” को खास खेती से जुड़े उद्देश्‍यों से बाहर रखा गया है। अभी, लेबर लाइन में रहने वाले चाय बागानों के मज़दूर बिना किसी स्‍पष्‍ट कानूनी टाइटल या कानूनी सुरक्षा के ज़मीन पर रहते हैं। यह संशोधन लेबर लाइन को दूसरे मकसदों से बाहर रखकर और चाय बागानों के मज़दूरों के लिए विशेष व्‍यवस्‍था करके, उनके ज़मीन के अधिकारों को सुरक्षित करता है। इससे लंबे समय तक रहने की सुरक्षा पक्की होगी और विस्थापन का खतरा कम होगा।
 
 
यह विधेयक सरकार को लेबर लाइन के तहत ज़मीन को तय तरीके से अधिग्रहित करने का अधिकार देता है। विधेयक यह भी बताता है कि ऐसी अधिग्रहित ज़मीन के सभी अधिकार, टाइटल, हित और कब्‍जे सरकार के पास होंगे। संबंधित जिलों से उपलब्‍ध आंकडों के अनुसार, चाय बागानों की कुल संख्या 825 है, और लेबर कॉलोनियों का कुल क्षेत्र लगभग 2 लाख 18 हजार 5 सौ 53 बीघा है।