एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए पत्रकार अनीस आलमगीर को तुरंत रिहा करने का आह्वान किया है। आलमगीर को इस महीने की शुरुआत में आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
कल प्रकाशित रिपोर्ट में एमनेस्टी के क्षेत्रीय शोधकर्ता रिहाब महमूर ने कहा कि आलमगीर को सोशल मीडिया और मुख्यधारा के मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके अवामी लीग का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
एमनेस्टी ने कहा कि अंतरिम सरकार को नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय समझौते के तहत अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अनीस आलमगीर ने अदालत में कहा कि सत्ता से सवाल करना उनका पेशेवर कर्तव्य है और उन्होंने कहा कि वे दो दशकों से ऐसा करते आ रहे हैं।
स्थानीय मानवाधिकार समूह ऐन ओ सालिश केंद्र ने भी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए इसे आतंकवाद विरोधी अधिनियम का दुरुपयोग और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। दूसरी ओर, कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स ने चार अन्य पत्रकारों – फरज़ाना रूपा, शकील अहमद, मोज़म्मेल बाबू और श्याममल दत्ता की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आग्रह किया है जो राजनीतिक रूप से प्रेरित हत्या के आरोप में जेल में हैं।
ये अपीलें बांग्लादेश में प्रेस की स्वतंत्रता में हो रही कमी को लेकर बढ़ती चिंता के बीच आई हैं। मानवाधिकार समूह और मीडिया पेशेवरों का कहना है कि साइबर सुरक्षा अधिनियम जैसे कानूनों के तहत गिरफ्तारियां, कानूनी उत्पीड़न और दबाव बढ़ गया है।