बंबई उच्च न्यायालय ने अभिनेता अक्षय कुमार को उनके व्यक्तित्व अधिकारों पर तत्काल अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स साइटों और एआई कंटेंट क्रिएटर्स को बिना अनुमति के उनके नाम, उनकी छवि, समानता और आवाज़ का उपयोग करने पर रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति आरिफ एस डॉक्टर ने कल कहा कि एआई से बनाई गई डीपफेक तस्वीरों और वीडियो की वास्तविक प्रकृति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इस तरह की मनगढ़ंत बातों से न केवल श्री कुमार के व्यक्तित्व और नैतिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, बल्कि यह उनके परिवार की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।
अक्षय कुमार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने व्यक्तित्व का दुरुपयोग रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था। इस मुकदमे में संविधान के अनुच्छेद 21 और कॉपीराइट अधिनियम 1957 का हवाला देते हुए उनकी निजता, गरिमा और नैतिक अधिकारों के उल्लंघन का दावा किया गया था।
 
									 
		 
									 
									 
									 
									