उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने छात्रों से अनुसंधान, नवाचार और भारत से संबंधित विशिष्ट समस्याओं के समाधान में गहनता से उतरने का आह्वान किया है।
आज हरियाणा के कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान-एन.आई.टी. के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने युवा नवप्रवर्तकों के लिए राष्ट्रीय महत्व के उभरते क्षेत्रों, जैसे सतत विनिर्माण, स्मार्ट मोबिलिटी, क्वांटम प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी, कृषि नवाचार और हरित बुनियादी ढांचे का अन्वेषण करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उपराष्ट्रपति ने एन.आई.टी. कुरुक्षेत्र की सराहना करते हुए कहा कि यह एक समृद्ध विरासत, जीवंत वर्तमान और भविष्य वाला संस्थान है जो देश में तकनीकी शिक्षा के मानकों को आकार दे रहा है। वैश्विक परिवर्तन की गति पर उन्होंने एआई, नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, साइबर सुरक्षा और सेमीकंडेक्टर के क्षेत्र में विकास के बारे में बात की। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि तकनीक, उद्योगों को नया रूप देने और समाज के कामकाज के तरीके को पुनर्परिभाषित करने में एक शक्तिशाली सक्षमकर्ता बन गई है।