विदेशमंत्री डॉ सुब्रमण्यम जयशंकर ने कहा है कि संविधान में अनुच्छेद 370 का प्रावधान तात्कालिक व्यवस्था के तौर पर किया गया था और इसे लंबे समय तक बनाये रखने से देश को नुक़सान हुआ है। आज सिंगापुर में भारतीय समुदाय के साथ चर्चा में उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को विस्तार दिये जाने से अलगाववाद, हिंसा और आतंकवाद की भावना को बल मिला। डॉ. जयशंकर ने कहा कि इसके कारण जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में प्रगतिशील कानूनों को लागू करने में व्यवधान उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में बदलाव के परिणाम अब हर कोई देख सकता है।
डॉ. जयशंकर ने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध हमेशा से मधुर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के हितों की रक्षा पर विशेष ध्यान दिया है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को रूस सहित किसी भी देश के साथ अपने संबंधों को अपने परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए।