अतिरिक्त उपायुक्त मंडी रोहित राठौर ने उपायुक्त कार्यालय के वीसी रूम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक ली। उन्होंने अधिनियम के तहत लंबित पुराने मामलों केे जल्द निपटारे पर बल दिया।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत मई, 2024 तक 158 मामले जिले के विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। उन्होंने कहा कि जिला में विभिन्न थानों के अंतर्गत नवीनतम जानकारी के अनुसार वर्तमान में 31 मामलों बारे रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
उन्होंने कहा कि जिला में अधिनियम के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूक शिविरों का भी आयोजन किया जाना आवश्यक है। इस संदर्भ में उन्होंने जिला कल्याण अधिकारी को जिला के अलग-अलग स्थानों पर शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिए।
रोहित राठौर ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के अंतर्गत जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति की बैठक में दिव्यांगजनों के पुनर्वास व सशक्तिकरण से संबंधित मामलों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सुगम्य भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को सुगम्यता सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि मंडी जिला में दो शहर मंडी व सुन्दरनगर चयनित किए गए हैं। दोनों शहरों में 137 सरकारी कार्यालयों भवनों का एक्सेस आडिट इस कार्य हेतु गठित एक्सेस आडिट समितियों द्वारा किया गया है। उन्होंने बताया कि एक्सेस आडिट के अनुसार दो शहरों में 5-5 भवनों का चयन कर उसमें सभी सुविधाएं प्रदान की जायेगी।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को मैनुअल आधार पर बनाए गए दिव्यांगता प्रमाण पत्रों को डिजिटाइज करने के मामलों को निपटाने के आदेश दिए।
उन्होंने बताया कि जिला में 16459 दिव्यांगजनों को यूडीआईडी पहचान पत्र जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि शेष लंबित मामलों को शीघ्र निपटारा करें।