वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि अटल पेंशन योजना में आठ करोड़ 34 लाख से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। इनमें 48% महिलाएं हैं।
मई 2015 में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य नागरिकों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के माध्यम से सशक्त बनाना है। यह योजना 18 से 40 वर्ष के उन नागरिकों के लिए है जिनका बैंक या डाकघर में बचत खाता है। लाभार्थी, 60 वर्ष की उम्र बाद पेंशन लाभ प्राप्त कर सकता हैं। वर्ष 2035 से ये लाभ मिलने शुरू होने की संभावना है।
वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि सरकार और पेंशन निधि नियामक तथा विकास प्राधिकरण द्वारा की गई अनेक पहलों ने इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसे अपनाने में तेज़ी लाई है। इनमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर नियमित विज्ञापन, 13 स्थानीय भाषाओं में योजना विवरणिका की उपलब्धता और बैंकिंग संवाददाताओं, स्वयं सहायता समूहों और अन्य क्षेत्रीय कर्मियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम शामिल हैं।
नाबार्ड, एनसीएफई, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सहित कई संस्थानों ने भी जागरूकता अभियानों का समर्थन किया है।
यह योजना डाक विभाग और बैंकों के एक विस्तृत नेटवर्क के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक और सहकारी बैंक शामिल हैं।