अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के शासकीय निकाय की 352वीं बैठक जिनेवा में हो रही है। यह बैठक 28 अक्टूबर को शुरू हुई थी और सात नवम्बर तक चलेगी। बैठक के दौरान श्रम और रोजगार सचिव सुमिता डावरा ने गरीबी के सभी आयामों के बारे में महत्वपूर्ण प्रयासों में जीवन स्तर सुधारने की भारत की प्रतिबद्धता की जानकारी दी। बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार इन प्रयासों के कारण 24 करोड़ 80 लाख लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। उन्होंने बताया कि देश में वर्ष 2016-17 से 2022-23 के दौरान लगभग 17 करोड़ लोगों को आर्थिक गतिविधियों में शामिल करके रोजगार बढ़ाये गये।
सुश्री डावरा ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना जैसी सरकार की योजनाओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पीएम जीवन ज्योति योजना और पीएम सुरक्षा बीमा योजना से किफायती जीवन और दुर्घटना बीमा सुविधा उपलब्ध हुई। उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेश और वंचित वर्ग के लोगों के लिए वित्तीय सेवाओं को प्राथमिकता देने के मामले में पिछले दशक के दौरान भारत में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है।
बैठक में भारत ने इस बात पर बल दिया कि समस्या के भली-भांति परिभाषित समाधान पर ध्यान देने से यह सुनिश्चित होगा कि संयुक्त राष्ट्र के निकाय दुनियाभर में सामाजिक न्याय और सतत समावेशी विकास के साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक तालमेल से काम कर सकें।