अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलना पिछले 11 वर्षों का सबसे बड़ा सुधार है। आज नई दिल्ली में दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में डॉ. सिंह ने कहा कि सुधार प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी दुनिया ने भारत की अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी क्षमताओं को देखा। डॉ. सिंह ने कहा कि दो साल पहले भारत का चंद्रयान मिशन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था जिससे भारत ऐसा करने वाला पहला देश बना। उन्होंने कहा कि इसने दुनिया को संदेश दिया कि भारत अब किसी का अनुयायी नहीं है।
अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि गगनयान मिशन भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और अंततः चंद्रमा पर उतरने के साथ भारत की कुछ बहुत बड़ी महत्वाकांक्षाएँ हैं। उन्होंने कहा कि जापानी और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियाँ भी इस मिशन को लेकर उत्साहित हैं। श्री शुक्ला ने कहा कि जहाँ तक अंतरिक्ष अन्वेषण का सवाल है, यह देश के लिए स्वर्णिम काल है।
इसरो अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने कहा कि 2040 तक भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम दुनिया के किसी भी अन्य अंतरिक्ष कार्यक्रम के बराबर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-4 मिशन और वीनस ऑर्बिटर मिशन जैसे एक के बाद एक मिशन निर्धारित हैं। डॉ. नारायणन ने कहा कि भारत 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन नामक एक अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करेगा और इसका पहला मॉड्यूल 2028 तक प्रक्षेपित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर – एनजीएल को मंज़ूरी दे दी है।