हिमाचल प्रदेश स्थित शीत मरुस्थल बायोस्फीयर रिजर्व को यूनेस्को के विश्व बायोस्फीयर रिजर्व नेटवर्क में शामिल कर लिया गया है। चीन के हांग्जाऊ में आयोजित विश्व बायोस्फीयर रिजर्व कांग्रेस में यह घोषणा की गई। इसमें सतत विकास के एक मॉडल के रूप में इस क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया गया।
यह बायोस्फीयर रिजर्व भारत के पश्चिमी हिमालय में लगभग सात हजार सात सौ सत्तर वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह उच्च-ऊंचाई वाला रिजर्व अपने ऊबड़-खाबड़ भूभाग, अल्पाइन घास के मैदानों और दुर्लभ वन्यजीवों जैसे हिम तेंदुआ तथा हिमालयी आइबेक्स के लिए जाना जाता है। इसे वर्ष 2009 में पहली बार राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिजर्व घोषित किया गया और अब यह शीत मरुस्थल वैश्विक नेटवर्क में भारत का 13वाँ स्थल है। इसमें पिन वैली राष्ट्रीय उद्यान और किब्बर वन्यजीव अभयारण्य जैसे संरक्षित क्षेत्र शामिल हैं, और यह लगभग 12 हजार लोगों का घर है।