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जून 3, 2025 2:33 अपराह्न

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हरिद्वार जमीन घोटाले में धामी सरकार की बड़ी कार्रवाई, दो आईएएस और एक पीसीएस अधिकारी सहित 12 लोग निलंबित

हरिद्वार नगर निगम द्वारा कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त और सस्ती कृषि भूमि को 54 करोड़ रुपये में खरीदने के मामले में दो आईएएस और एक पीसीएस अधिकारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। इनमें हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह को वर्तमान पद से हटाया गया है। इसके साथ ही नगर निगम की वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की, रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार और हरिद्वार तहसील के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कमलदास को भी जमीन घोटाले में संदिग्ध पाए जाने पर तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया है। इस मामले में अब तक कुल बारह लोगों को निलंबित किया गया है और शासन स्तर पर आगे की विभागीय और दंडात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
 
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच के आदेश दिये थे। रिपोर्ट मिलते ही भूमि क्रय की अनुमति देने और प्रशासनिक स्वीकृति देने में जिलाधिकारी की भूमिका संदेहास्पद पाई गई। पूर्व नगर आयुक्त ने बिना उचित प्रक्रिया के भूमि क्रय प्रस्ताव पारित किया और वित्तीय अनियमितताओं में प्रमुख भूमिका निभाई। जबकि एसडीएम ने जमीन के निरीक्षण और सत्यापन की प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही बरती, जिससे गलत रिपोर्ट शासन तक पहुंची। अब इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस विभाग को सौंपी गई है। धामी सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अब उत्तराखंड में ‘पद’ नहीं, ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण हैं। चाहे व्यक्ति कितना भी वरिष्ठ हो, अगर वह जनहित और नियमों की अवहेलना करेगा, तो कार्रवाई निश्चित है। इस ऐतिहासिक निर्णय से उत्तराखंड की जनता को यह संदेश मिला है कि अब भ्रष्टाचारियों की कोई जगह नहीं। सरकार की प्राथमिकता सिर्फ योजनाओं की घोषणा नहीं, बल्कि व्यवस्था की शुद्धि है। यह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री की शून्य सहनशीलता की नीति का स्पष्ट प्रमाण है। 

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