सर्वोच्च न्यायालय ने आज दिवाली में हरित पटाखों के उपयोग को अनुमति देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी अपने फैसले को सुरक्षित रखा।
मुख्य न्यायाधीश न्यायामूर्ति बी.आर. गवई और न्यायामूर्ति के. विनोद चन्द्रन की खण्डपीठ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता से संबंधित दीर्घ लंबित एम.सी. मेहता के मामले की सुनवाई की। इससे पहले, तीन अप्रैल को दो न्यायाधीशों की खण्डपीठ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में हरित पटाखों सहित सामान्य पटाखों पर एक वर्ष का प्रतिबंध लगाया था।
सुनवाई के दौरान केंद्र और एनसीआर की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय से पटाखों पर लगाई गई समय सीमा हटाने का आग्रह किया।