सर्वोच्च न्यायालय ने आज टेलीकॉम कंपनियों वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल की ओर से दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें उनके समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाया से संबंधित ब्याज, जुर्माना और जुर्माना घटकों पर ब्याज का भुगतान करने से छूट मांगी गई थी।
यह वह राशि है जो दूरसंचार विभाग द्वारा दूरसंचार ऑपरेटरों से उनके स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और लाइसेंस शुल्क के भुगतान के लिए ली जाती है। न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने याचिकाओं को “गलत तरीके से तैयार” बताया।
वोडाफोन आइडिया द्वारा एजीआर से संबंधित देनदारियों में 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक की छूट की मांग के बाद यह फैसला सुनाया गया है। भारती एयरटेल और उसकी इकाई भारती हेक्साकॉम ने भी इसी तरह की याचिका दायर की थी, जिसमें 34 हजार 745 करोड़ रुपये की छूट मांगी गई थी।