संसद ने आज राज्यसभा की मंजूरी के साथ तटीय नौवहन विधेयक-2025 पारित कर दिया है। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। यह विधेयक देश के तटीय जलक्षेत्र में व्यापार करने वाले जहाजों को विनियमित करता है। इस विधेयक का उद्देश्य तटीय नौवहन के विनियमन, तटीय व्यापार को बढावा देने और घरेलू भागीदारी को प्रोत्साहन देने से संबंधित कानून को संशोधित करना और उन्हें सुदृढ बनाना है। यह विधेयक एक तटीय बेडे से सुसज्जित देश सुनिश्चित करेगा। यह विधेयक देश को राष्ट्रीय सुरक्षा और वाणिज्यिक आवश्यकताओं के लिए तटीय बेड़े से सुसज्जित करने की बात को सुनिश्चित करेगा, जिसका स्वामित्व और संचालन देश के नागरिकों द्वारा किया जाएगा।
इस विधेयक पर एक चर्चा का उत्तर देते हुए केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में यह बहुत ही महत्वपूर्ण सुधारात्मक पहल है। यह पहल देश की विशाल और रणनीतिक तटरेखा की पूरी क्षमता को उजागर करेगी। उन्होंने कहा कि यह पहल 2030 तक देश के तटीय कार्गो यातायात को 230 मिलियन मिट्रिक टन तक पहुंचाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी। श्री सोनोवाल ने कहा कि यह तटीय व्यापार में विकास के अवसरों की सुविधा को बढायेगी और नियमों में कटौती भी करेगी। उन्होंने कहा कि नौवहन विधेयक को तटीय व्यापार को और प्रतिस्पर्धी बनाने और व्यापार को सुगम बनाने के लिए तैयार किया गया है।
इससे पहले चर्चा में भागीदारी करते हुए भाजपा की दर्शन सिंह ने कहा कि यह विधेयक देश की समुद्री क्षमताओं और तटीय क्षेत्रों को सशक्त बनाएगा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक सुरक्षा और समेकित विकास सुनिश्चित करते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाएगा। सुश्री सिंह ने कहा कि देश एक विशाल तटरेखा से घिरा हुआ है, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था इसकी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि देश में तटीय नौवहन की साझेदारी कुल लॉजिस्टिक यातायात का सिर्फ छह से सात प्रतिशत ही है। शिवसेना के मिलिंद मुरली देवडा ने कहा कि यह विधेयक देश की अर्थव्यवस्था को बढावा देकर मेक-इन-इंडिया पहल को प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि नौवहन यातायात ना सिर्फ धन की बचत करेगा बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित बनाएगा। पिछले 10 वर्षो में तटीय पोत परिवहन और जलमार्ग क्षेत्र में काफी वृद्धि हुई है। श्री देवडा ने कहा कि दस वर्ष पहले सिर्फ 18 मिलियन टन माल ही कार्गो से राष्ट्रीय जलमार्गो के जरिए ले जाया जाता था, लेकिन आज 133 मिलियन टन कार्गो जलमार्गो के जरिए ले जाए जा रहे हैं। युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी- वाईएसआरसीपी के गोला बाबू राव ने कहा कि तटीय नौवहन विधेयक न केवल भारत में बल्कि अन्य देशों में भी नौवहन परिवहन और व्यापार को विनियमित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एआईएडीएमके के डॉ एम थम्बीदुरई, टीडीपी के मस्तान राव यादव, एजीपी के बिरेन्द्र प्रसाद बैश्य, भाजपा की कल्पना सैनी और अन्य नेताओं ने भी इस चर्चा में भागीदारी की।