विश्व स्वास्थ्य संगठन- डब्ल्यू एच ओ ने झारखंड में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद- आई सी एम आर के महत्वपूर्ण अध्ययन को तपेदिक उपचार के लिए आदर्श बताते हुए इसकी सराहना की है। वर्ष 2023 में द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ ने राशन्स अध्ययन में पाया कि तपेदिक रोगियों को पोषणयुक्त भोजन देने से उनके उपचार परिणाम में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई और मृत्यु दर घटी। अध्ययन के अनुसार जिन रोगियों को भोजन राशन प्राप्त हुए वे रोग से बेहतर तरीके से उबरने में सफल रहे। पोषण युक्त भोजन प्राप्त करने वाले रोगियों में मानक उपचार पाने वाले रोगियों की तुलना में जीवित रहने की दर बेहतर हुई। इस प्रभाव को स्वीकार करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्तर पर तपेदिक को समाप्त करने के लिए दक्षिण-पूर्व-एशियाई क्षेत्र के देशों को इसी प्रकार की रणनीति अपनाने का आह्वान किया है। तपेदिक से लाखों लोग प्रभावित होते हैं और प्रत्येक वर्ष इस रोग से हजारों लोगों की मृत्यु होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि तपेदिक उपचार में पोषण युक्त भोजन का समायोजन इस रोग को समूल नष्ट करने में परिवर्तनकारी कदम साबित हो सकता है।