लोकसभा में आज ध्वनि मत से रेलवे संशोधन विधेयक 2024 पारित कर दिया है। विधेयक में रेलवे अधिनियम 1989 में संशोधन और रेलवे बोर्ड तथा उसके स्वतंत्र रूप से कार्य निष्पादन के अधिकार को बढ़ाना है। भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम 1905 के सभी प्रावधान इस विधेयक के माध्यम से रेलवे अधिनियम 1989 में समाहित करने का प्रस्ताव है।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस विधेयक को लाने का उद्देश्य कानूनी ढांचे को सरल बनाना है। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में रेलवे ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि वन्दे भारत, अमृत भारत और नमो भारत जैसी कई नई गाडियां शुरू की गई हैं ताकि मध्यम वर्ग और गरीब यात्रियों को हर प्रकार की सुरक्षा और सुविधा उपलब्ध हो। इस संबंध में विशेष रूप से वन्दे भारत रेलगाड़ी का उल्लेख करते हुए उन्हाने कहा कि इसे विश्वभर में सराहा गया है और यह एक आत्मनिर्भर भारत का उत्कृष्ट उदाहरण है। रेलमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में 44 हजार किलोमीटर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया गया है जबकि वर्ष 2014 तक केवल 21 हजार किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दस वर्षों के दौरान रेलवे के बजट में बढोतरी की गई। इस वित्त वर्ष में दो लाख 52 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। रेलवे के निजीकरण के बारे में चिंता का जवाब देते हुए श्री वैष्णव ने इससे इनकार किया और कहा कि यह फर्जी दावें हैं और इस तरह की कोई योजना नहीं है। यात्रियों की सुविधा के बारे में उन्होंने कहा कि इसके लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि रेलगाडियों के एक-दूसरे से टकराने को रोकने के लिए इस प्रकार की भिड़ंत को रोकने के लिए कवच लगाने का कार्य तेजी पर है। रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रेल विभाग के विभिन्न पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी रूप से पूरी की जा रही है और पेपर लीक होने अथवा किसी प्रकार की गड़बड़ी की कोई शिकायत नहीं मिली है।