राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि सिनेमा केवल एक उद्योग नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को अधिक संवेदनशील बनाने का एक सशक्त माध्यम भी है। राष्ट्रपति मुर्मु ने आज नई दिल्ली में वर्ष 2023 के 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने फिल्म उद्योग के सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करें कि भारतीय फिल्मों को वैश्विक स्तर पर और अधिक पहचान मिले। राष्ट्रपति ने महिला केंद्रित फिल्मों के निर्माण और उन्हें मिल रहे पुरस्कारों पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही सकारात्मक सामाजिक संकेत है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत को कंटेंट निर्माण का केंद्र बनाने का एक बहुत ही स्पष्ट दृष्टिकोण है। उन्होंने कहा कि वेव्स बाजार के कारण, देश के कंटेंट क्रिएटर्स को अपने उत्पाद के लिए अब नए बाजार मिल रहे हैं। श्री वैष्णव ने कहा कि पहला भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान अब मुंबई में राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम परिसर में कार्यरत है और इस संस्थान में सत्रह पाठ्यक्रम पहले ही शुरू हो चुके हैं।
समारोह में फिल्म निर्माण और उत्कृष्ट अभिनय के लिए विभिन्न श्रेणियों में ये पुरस्कार प्रदान किए गए। महान अभिनेता, निर्देशक और निर्माता, मोहनलाल को सिनेमा क्षेत्र का सर्वोच्च सम्मान, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार हिंदी फिल्म ‘ट्वेल्थ फेल को दिया गया। सर्वश्रेष्ठ हिंदी फीचर फिल्म का पुरस्कार ‘कटहल: ए जैकफ्रूट मिस्ट्री‘ को प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार अभिनेता शाहरुख खान को फिल्म जवान के लिए मिला। अभिनेता विक्रांत मैसी को भी ट्वेल्थ फेल फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार अभिनेत्री रानी मुखर्जी को फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे के लिए दिया गया। सुदीप्तो सेन की द केरल स्टोरी को सर्वश्रेष्ठ निर्देशन का पुरस्कार मिला। हिंदी फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी को सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का पुरस्कार दिया गया है।
गायिका शिल्पा राव को हिंदी फिल्म जवान के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका और पुरुष वर्ग में पीवीएनएस रोहित को तेलुगु फिल्म बेबी के लिए पुरस्कार मिला है। उत्पल दत्त को असमिया भाषा में महत्वपूर्ण और व्यापक आलोचनात्मक लेखन के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। रिमदोगिटंगा को सर्वश्रेष्ठ गारो फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। निर्देशक शिल्पिका बोरदोलोई को फिल्म मऊ: द स्पिरिट ड्रीम्स ऑफ चेराव के लिए निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।