रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आई.ए.एस.वी. त्रिवेणी महिला जलयात्रा अभियान को देश के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण बताया है। रक्षा मंत्री ने आज मुंबई के ऐतिहासिक गेटवे ऑफ इंडिया से भारतीय सेना के नौकायन पोत आई.ए.एस.वी. त्रिवेणी को वीडियो कॉफ्रेंस से रवाना किया। इस परिक्रमा अभियान में सेना, नौसेना और वायु सेना की 10 महिला अधिकारियों वाले पहले त्रि-सेवा महिला दल शामिल है। इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि यह मिशन आसमान की ऊँचाइयों से लेकर समुद्र की गहराई तक, हर क्षेत्र में भारत की प्रगति का प्रमाण है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह केवल एक मिशन नहीं है, बल्कि तीनों सशस्त्र बलों की सामूहिक शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने दल को बधाई देते हुए कहा कि यह अभियान उनके अनुशासन और इच्छाशक्ति को दर्शाता है और जब वे लौटेंगे, तो वे एक ऐतिहासिक उपलब्धि, पूरे देश के लिए एक स्वर्णिम अध्याय, हासिल कर चुके होंगे।
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह भी वीडियो कॉफ्रेंस में शामिल थे।
लेफ्टिनेंट कर्नल अनुजा वरुडकर के नेतृत्व में, चालक दल में पांच सेना अधिकारी, एक नौसेना अधिकारी और चार वायु सेना अधिकारी शामिल हैं। नौ महीने लंबी इस यात्रा के दौरान, चालक दल 26 हजार समुद्री मील से अधिक की यात्रा करेगा।