ओडिशा के प्राचीन समुद्री व्यापार के इतिहास का जश्न मनाने के लिए एशिया का सबसे बड़ा ओपन-एयर व्यापार मेला बाली जात्रा आज से शुरू हो रहा है। यह मेला 22 नवंबर तक चलेगा। बाली जात्रा का अर्थ है “बाली की यात्रा”। यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के दौरान महानदी में नावों से दूर-दूर तक जाने वाले व्यापारियों की परंपरा का सम्मान करता है। यह उत्सव ओडिशा की समृद्ध विरासत से आगंतुकों को परिचित कराता है।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी आज दोपहर आधिकारिक रूप से इसका उद्घाटन करेंगे। उत्सव में प्रत्येक शाम ओडिशा और अन्य राज्यों के सांस्कृतिक समूह लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे। मेले में शिल्प, घरेलू सामान और खाद्य पदार्थों की 2500 से अधिक दुकानें लग रही है। मेले में भीड़ प्रबंधन के लिए पुलिस ने आवश्यक सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ऐतिहासिक ‘बाली जात्रा‘ और ‘बोईत बंदन‘ के शुभ अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं और भगवान से उनकी खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना की है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत की समृद्ध समुद्री विरासत में ओडिशा का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अपने गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेकर देशवासियों के प्रयासों और कड़ी मेहनत से एक विकसित भारत का निर्माण किया जाएगा।