केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि भारत का फार्मा निर्यात 27 अरब डॉलर से इस वर्ष तक 30 अरब डॉलर को पार कर जाने की उम्मीद है। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी विभाग और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर अपने वक्तव्य में कहा कि यह समझौता विकसित भारत 2047 के विजन को आगे बढ़ाने और किफायती स्वास्थ्य सेवा समाधान प्रदाता के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।
डॉ. सिंह ने कहा कि भारत को विश्व की फार्मेसी कहा जा रहा है और वह दो सौ से अधिक देशों को अपने निर्मित टीके उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने बताया कि देश का 60 अरब डॉलर का घरेलू फार्मा बाज़ार 2030 तक बढ़कर 130 अरब डॉलर का हो जाने की उम्मीद है। डॉ. सिंह ने कहा कि 2014 में लगभग 50 स्टार्टअप से लेकर आज 11 हज़ार से ज़्यादा स्टार्टअप तक भारत के बायोटेक इकोसिस्टम का तेज़ी से विकास कर रहा है। यह देश के आर्थिक और स्वास्थ्य सेवा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में इस क्षेत्र की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने विश्व की पहली समर्पित जैव प्रौद्योगिकी नीति, बायो-थ्री शुरू करने के कदम की सराहना की। डॉ. सिंह ने कहा कि यह पहल देश की अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर इसे एक प्रौद्योगिकी-संचालित देश बनाएगी।