प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत अपने किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। नई दिल्ली में एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और खेती पर खर्च कम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर स्वामीनाथन ने भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के आंदोलन का नेतृत्व किया।
श्री मोदी ने कहा कि डॉक्टर स्वामीनाथन ने जैव विविधता से आगे बढ़कर जैव-खुशी की दूरदर्शी अवधारणा दी। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान में उनके अग्रणी कार्य के लिए डॉक्टर स्वामीनाथन की व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी उनके विचार देश के कृषि क्षेत्र में दिखाई देते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को प्रोफेसर स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का अवसर मिला। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले दस वर्षों में हथकरघा क्षेत्र को देश भर में एक नई पहचान और मजबूती मिली है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ने प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के माध्यम से छोटे किसानों को सशक्त बनाया है जबकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को खेती से संबंधित जोखिमों से सुरक्षा मिली है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से सिंचाई संबंधी समस्याओं का समाधान किया गया है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि दस हजार किसान उत्पादक संगठनों के निर्माण से छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सहकारिता और स्व सहायता समूहों को दी जा रही वित्तीय मदद से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत विकसित राष्ट्र बनने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और यह लक्ष्य समाज के प्रत्येक वर्ग और प्रत्येक व्यवसाय के योगदान से हासिल किया जाएग।