उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिए सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में 45 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, विशेषज्ञ चिकित्सकों को जिला चिकित्सालयों, उप जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात किया गया है।
नियुक्त चिकित्सकों में सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, एनेस्थीसिया, बाल रोग, नेत्र रोग, कान-नाक-गला, फॉरेंसिक मेडिसिन और जनरल मेडिसिन के डॉक्टर शामिल हैं। इनकी तैनाती विशेष रूप से पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, चंपावत, बागेश्वर और हरिद्वार जिलों में की गई है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सभी डॉक्टरों ने पीजी कोर्स पूरा कर लिया है और अब उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सक के रूप में तैनात किया गया है। चारधाम यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए आपातकालीन और सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती से पर्वतीय जिलों के अस्पतालों को बड़ी राहत मिलेगी। पहले विशेषज्ञों के अभाव में मरीजों को बड़े शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ता था, लेकिन अब सर्जरी, एनेस्थीसिया, स्त्री रोग, बाल रोग और नेत्र रोग जैसे विभागों में सेवाएं आसानी से मिलेंगी। इससे आपातकालीन सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
वहीं, चारधाम यात्रा के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्वास्थ्य जोखिम को देखते हुए हाई-एल्टीट्यूड मेडिसिन, कार्डियक इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी चिकित्सकों को जल्द से जल्द अपने तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं और समय पर कार्यभार न संभालने पर नियमानुसार कार्रवाई की चेतावनी दी है।