प्रख्यात मलयालम लेखक और फिल्म निर्माता एम. टी. वासुदेवन नायर का कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में कल रात निधन हो गया। उन्हें आमतौर पर एम.टी. के नाम से जाना जाता था। वे 90 वर्ष के थे। वे कुछ समय से बीमार थे। उन्हें इस महीने की 15 तारीख को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वे एक सफल और बहुमुखी कहानीकार थे। श्री वासुदेवन के साहित्यिक और सिनेमा के कार्य का मलयालम साहित्य और सिनेमा पर एक गहरा असर पड़ा। उनके मुख्य कार्यों में नलुकेत्तु, कालम, मंजू, असुराविथु और रन्दामूझाम शामिल हैं। उनकी रचनाओं का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
कुछ फिल्मों के निर्माता और निर्देशक होने के अलावा, श्री वासुदेवन ने निर्मलयम, ओरु वड्डक्कन वीरगाथा, परिणयम, सादयम और कड़ावु जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों के लिए पटकथा लिखी।
वर्ष 2005 में श्री वासुदेवन को ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्हें पद्मभूषण, केरल ज्योति, और केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। श्री वासुदेवन को वयालार पुरस्कार, वल्लाथोल पुरस्कार, एजुथाचन पुरस्कार, ओडाकुझल पुरस्कार और मलयालम सिनेमा में लाइफ टाइम एचीवमेंट के लिए जेसी डैनियल पुरस्कार से भी नवाजा गया था। केरल सरकार ने आज और कल राजकीय शोक की घोषणा की है। आज होने वाले सभी सरकारी समारोह स्थगित कर दिए गए हैं।