प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया है कि जापान और चीन की यात्रा भारत के राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाएगी और क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत विकास की प्रगति के लिए सार्थक सहयोग में योगदान देगी। जापान यात्रा के लिए प्रस्थान करने से पहले वक्तव्य में श्री मोदी ने कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण को आकार देने पर ध्यान दिया जाएगा जिसमें पिछले ग्यारह वर्षों में निरंतर और महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ मिलकर सहयोग को नई ऊंचाई पर पहुंचाने, भारत-जापान आर्थिक और निवेश संबंधों के दायरे और महत्वाकांक्षाओं का विस्तार करने, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सेमीकंडक्टर सहित नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के लोगों को जोड़ने वाले सभ्यतागत रिश्तों और सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने का भी अवसर होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे जापान के बाद राष्ट्रपति शी चिनफिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत शंघाई सहयोग संगठन का सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है। भारत साझा चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्रीय सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के लिए शंघाई सहयोग संगठन के सदस्यों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं। श्री मोदी ने शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति षी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से मिलने की उत्सुकता प्रकट की।