सर्वोच्च न्यायालय ने आज ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-ग्रैप-4 के तहत कड़े प्रदूषण रोधी उपाय लागू करने में देर करने को लेकर दिल्ली सरकार से प्रश्न किया है। न्यायालय ने निवारक उपायों को कम करने पर भी प्रश्न उठाते हुए कहा कि इसकी पूर्व अनुमति के बगैर इन उपायों को कम करने की अनुमति नहीं होगी। न्यायाधीश अभय एस. ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक अति गंभीर स्तर पर पहुंचने के बाद भी ग्रैप-4 के तहत निवारक उपायों को लागू करने में देरी हुई है। इस पीठ ने कहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से 400 के बीच पहुंचते ही ग्रैप-4 की पाबंदियों का अवश्य पालन किया जाना चाहिए।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग- सीएक्यूएम ने कल सुबह 8 बजे से ग्रैप-4 के तहत दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों की घोषणा की। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ट्रकों के प्रवेश और सार्वजनिक परियोजनाओं के निर्माण पर अंशकालिक रोक लगाना शामिल है।