गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार ने भ्रष्टाचार, अपराध और आतंकवाद के विरुद्ध शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाई है। वह आज नई दिल्ली में भगोड़ों के प्रत्यर्पण-चुनौतियां और रणनीति सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। श्री शाह ने कहा कि सभी अपराधियों को कानून के दायरे में लाने के लिए एक मज़बूत तंत्र विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भगोड़े के साथ कठोर व्यवहार किया जाना चाहिए और उन्हें देश की न्यायिक व्यवस्था के समक्ष लाया जाना चाहिए।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक सशक्त भारत सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ कानून के शासन को मज़बूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2018 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम पेश किया था, जो अधिकारियों को भगोड़ों की देश में स्थित संपत्ति ज़ब्त करने का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के लागू होने के मात्र चार वर्षों के भीतर ही दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की वसूली की गई है। श्री शाह ने कहा कि धन शोधन कानूनों को भी मजबूत किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2014 से 2023 के बीच लगभग 12 अरब डॉलर की संपत्ति कुर्क की गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक राज्य को सीबीआई के सहयोग से एक इकाई स्थापित करनी चाहिए, जो अपने राज्य से भागे हुए भगोड़ों को वापस लाने के लिए एक तंत्र स्थापित करेगी। श्री शाह ने कहा कि सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भगोड़ों को पकड़ने के लिए एक विशेष वैश्विक संचालन केंद्र स्थापित किया है, जो दुनिया भर की पुलिस के साथ वास्तविक समय में समन्वय करता है।
इस अवसर पर सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने कहा कि एजेंसी इस वर्ष अब तक 35 भगोड़ों को देश में वापस ला चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत से तीन सौ 38 प्रत्यर्पण अनुरोध विभिन्न देशों के पास लंबित हैं। श्री सूद ने कहा कि भारत के अनुरोध पर अब तक 957 इंटरपोल नोटिस प्रकाशित किए जा चुके हैं।
यह दो दिवसीय सम्मेलन केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान, विभिन्न केंद्रीय और राज्य पुलिस एजेंसियों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करने और भारत में आपराधिक न्याय का सामना करने के लिए भगोड़ों का पता लगाने और उन्हें वापस लाने की रणनीति तैयार करने के लिए भाग ले रहे हैं।