केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि केंद्र सरकार देश में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि आदिवासियों और अनुसूचित जातियों व जनजातियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए आज बेंगलुरु शिल्पोत्सव 2025 का आयोजन किया गया है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत तीन राष्ट्रीय निगमों द्वारा वित्तपोषित समुदायों, अर्थात् अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों, सफाई कर्मचारियों और कारीगरों के उत्पादों के लिए एक विपणन मंच प्रदान करना है।
ट्यूलिप, विभिन्न ई-प्लेटफॉर्म के माध्यम से लक्षित समूहों के उत्कृष्ट उत्पादों को देश-विदेश में आम जनता तक पहुँचाने की एक नई पहल है। इन उत्पादों को ट्यूलिप यानी पारंपरिक कारीगरों का उत्थान आजीविका कार्यक्रम नाम से ब्रांड किया गया है। ब्रांड “ट्यूलिप” लक्षित समूहों के कारीगरों को अपने उत्पाद ऑनलाइन बेचने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इस पहल का उद्देश्य न केवल इन समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि पारंपरिक कला के महत्व को बढ़ावा देते हुए इसे संरक्षित करना भी है।