विधि और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वैकल्पिक विवाद समाधान के लिए एक विशेष तंत्र बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है, जिसमें बीच-बचाव, मध्यस्थता और समझौता शामिल हैं। वे आज नई दिल्ली में संस्थागत मध्यस्थता: विवाद समाधान के लिए एक प्रभावी रूपरेखा बनाने के उद्देश्य से आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस तरह का विशेष तंत्र के होने से न केवल निवेशकों और अन्य हितधारकों को लाभ होगा बल्कि इससे देश की अदालतों पर बोझ भी कम होगा।
श्री मेघवाल ने कहा कि समझौता और बीच-बचाव हमारी न्यायिक प्रणाली का हिस्सा रहा है, जो बहुत ही लाभप्रद है। उन्होंने भारत का मध्यस्थता का केन्द्र बनाने में इस सम्मेलन के महत्व का भी उल्लेख किया।
इस एक दिवसीय सम्मेलन में संस्थागत मध्यस्थता के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विवाद समाधान प्रणाली को सशक्त बनाने और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों का इस्तेमाल करने तथा देश में मध्यस्थता के परिस्थितिकी तंत्र के भविष्य पर आयोजित सत्र शामिल हैं।