सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने कहा है कि इस वर्ष तीन राष्ट्रीय लोक अदालतों के आयोजन से सात करोड़ 70 लाख से अधिक मामलों का निपटारा हुआ है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से संचालित इन लोक अदालतों में लंबित मामलों और कानूनी विवादों का समाधान किया गया। मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में एक साक्षात्कार में न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण वर्ष में तीन बार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन करता है जिसमें कई वर्षों से न्यायालयों में लंबित मामलों का सौहार्द्रपूर्ण ढंग से निपटारा किया जाता है।
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में अन्य विधिक सेवा प्राधिकरण जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करते हैं। साथ ही, वे मानवाधिकारों के संरक्षण की दिशा में भी सक्रिय कदम उठाते हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने 2012 में ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों का समर्थन किया। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय में एक मामला दर्ज किया गया जिसके आधार पर इस समुदाय को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देने का ऐतिहासिक निर्णय हुआ।
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई का पूरा साक्षात्कार आकाशवाणी पर आज शाम 7:10 बजे ‘सुर्खियों में’ कार्यक्रम में सुना जा सकता है।