इस वर्ष का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के तीन वैज्ञानिकों को धातु-कार्बनिक ढाँचे के विकास के लिए प्रदान करने की घोषणा की गई है। पुरस्कार विजेताओं सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और उमर एम. याघी ने बड़े अंतराल वाली आणविक संरचनाएँ बनाईं जिनसे गैसें और अन्य रसायन प्रवाहित हो सकें।
श्री कितागावा जापान के क्योटो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। श्री रिचर्ड रॉबसन ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न विश्वविद्यालय में और श्री याघी अमरीका के बर्कले स्थित कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। एक सौ दस करोड स्वीडिश क्रोनर पुरस्कार राशि का वितरण तीनों विजेताओं के बीच किया जाएगा।