आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने 2025 में भारत के जीडीपी विकास अनुमान को 40 आधार अंकों बढ़ाकर 6 दशमलव 7 प्रतिशत कर दिया है, जबकि जून में यह अनुमान 6 दशमलव 3 प्रतिशत था। ओईसीडी के नवीनतम ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य’ में कहा गया है कि मौद्रिक और राजकोषीय नीति में ढील और मजबूत जीएसटी सुधारों से समग्र गतिविधि को बल मिलने की उम्मीद है। हालाँकि, इसमें यह भी कहा गया है कि उच्च टैरिफ दरें देश के निर्यात क्षेत्र पर दबाव डालेंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत घरेलू आपूर्ति और निर्यात प्रतिबंधों के कारण भारत में खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में तेजी से गिरावट आई है। ओईसीडी ने अपने वित्तीय वर्ष 2026 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अनुमान को 120 आधार अंकों से घटाकर 2 दशमलव 9 प्रतिशत कर दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2025 की पहली छमाही में वैश्विक विकास, विशेष रूप से कई उभरते बाजारों में, अपेक्षा से अधिक लचीला साबित हुआ है।
ओईसीडी ने इस वर्ष के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को बढ़ाकर 3 दशमलव 2 प्रतिशत कर दिया, लेकिन 2026 के अपने पूर्वानुमान को 2 दशमलव 9 प्रतिशत पर स्थिर रखा, और कहा कि उसे उम्मीद है कि अमरीकी टैरिफ से उत्पन्न वैश्विक व्यापार अनिश्चितताएं 2025 की दूसरी छमाही में निवेश और व्यापार को कम कर देंगी।