सुप्रीम कोर्ट अरावली री डूंगरियां अर अरावली पर्वत श्रृंखला री परिभाषा रा बारा मांय 20 नवंबर 2025 ने दिया ज्या हुकम माथे रोक लगा दीनी है। अदालत ईं मुद्दा माथे केंद्र अर राजस्थान, गुजरात, दिल्ली अर हरियाणा सरकार ने नोटिस जारी कर र जवाब मांग्यो है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी अर ए.जी. मसीह री अवकाश पीठ अरावली री परिभाषा रा बारा मांय न्यारा-न्यारा मुद्दां री जांच सारू जाणकारां री नुवी समिति बणावण रो हुकम ई दीनो। सुप्रीम कोर्ट कह्यो के मंजूरशुदा परिभाषावां रो स्पष्टीकरण जरूरी है। पर्यावरण, वन अर जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 24 दिसंबर ने राज्यां ने अरावली री डूगरियां रा हलका मांय खुदाई रा नुवा पट्टा देवण माथे पूरी तरह रोक लगावण रा हुकम दीना हा। पर्यावरण, वन अर जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव सुप्रीम कोर्ट रा फैसला रो स्वागत कीनो है। वे सोशल मीडिया पोस्ट रे जरिये कह्यो के सरकार अरावली पर्वतमाला ने बचावण अर वां ने और बेहतर बणावण सारू हर संभव मदद देवणो तैय कीनो है। वे कह्यो के फिलहाल खुदाई रा नुवा पट्टां सागे मौजूदा पट्टां री मियाद आगे बधावण माथे पूरी तरह रोक लागू है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ई अरावली री डूंगरियां रा बारा मांय सुप्रीम कोर्ट कानी ऊँ नुवी समिति बणावण रा हुकम रो स्वागत कीनो है।