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October 15, 2024 7:19 PM

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 उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ देश मांय आबादी ऊं जुड़ी सांख्यिकीय अव्यवस्था रा बधता खतरा माथे गहरी चिंता जतायी।

 

 

 

 उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ देश मांय आबादी ऊं जुड़ी सांख्यिकीय अव्यवस्था रा बधता खतरा माथे गहरी चिंता जतायी है। वे मंगलवार ने जयपुर मांय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स रा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन रा उद्घाटन सत्र मांय बोल रह्या हा। उपराष्ट्रपति कह्यो के भारत ने स्थिर वैश्विक ताकत बण्यो रेहवणो चाहिजे। वे कह्यो के मौजूदा सदी भारत री व्हेवणी चाहिजे अर ऐड़ो व्हेवणो इन्सानियत सारू चोखो व्हेला, जो दुनिया मांय शांति अर भाईचार बणायो राखण मांय मददगार व्हेला। उपराष्ट्रपति कह्यो के आबादी मांय जैविक अर कुदरती बदलाव परेशान नी करे है पण रणनीतिक तरीका ऊं करी ज्या जनसांख्यिकीय बदलाव नुकसानदायक व्हे है। लारला कुछ दशकां मांय आबादी ऊं जुड्या बदलाव रो जिक्र करता थकां उपराष्ट्रपति कह्यो के ऐ बदलाव म्हाणा मूल्यां, सभ्यता अर लोकतंत्र सारू चुनौती है। वे कह्यो के भारत बहुसंख्यक रा रूप मांय सहिष्णु है अर बहुमत रा रूप मांय सुख देवण वाळो पारिस्थितिकी तंत्र बणावे है। उपराष्ट्रपति देश री तेज़ बरकत री चर्चा करता थकां कह्यो के भारत रो तेज विकास दुनिया ने चौंका रह्यो है।